यह मेरी सच्ची कहानी है। मेरी एक गर्लफ्रेंड हुआ करती थी पायल ! करीब छः साल पहले हम दोनों एक दूसरे के बहुत के करीब थे और शादी करना चाहते थे। हम रोज़ मिलने की कोशिश करते थे और सेक्स भी करीब रोज़ ही करते थे। हमने घर, गाड़ी, शॉपिंग-सेंटर, जंगल जैसी जगहों पर बहुत बार सेक्स किया हुआ है।
यह उस दिन की बात है जब पायल की एक चचेरी बहन और उसकी सहेली उसके घर रहने आई हुई थी। तीनों एक से एक सुन्दर थी।
पायल ने मुझे रात को करीब डेढ़ बजे फ़ोन किया, बोली- मिलने का मन कर रहा है !
मैंने फटाफट अपनी गाड़ी निकली और उससे मिलने पहुँच गया। किसी तरह मैं उनके मोहल्ले वालों की नजरों से बच कर उसके घर पहुँचा। वहाँ मैं उसकी चचेरी बहन मोनिका से मिला जो मेरी काफी अच्छी दोस्त बन चुकी थी लेकिन उसकी सहेली गीता से पहली बार मिला। हमने फ़ोन पर तो कई बार बात की थी पर मिले हम पहली बार थे। उसके मोम्मे उम्र के हिसाब से बहुत बड़े थे।
तीनों ने निक्कर और टी-शर्ट पहनी थी और उन्हें देखते ही मुझे ठरक चढ़ गई। पर मैंने सोचा कि मैं तो पायल के साथ गम्भीर हूँ, अगर हमारे सम्बन्ध गम्भीर ना होते तो मैं आज इन तीनों को चोद देता।
हम लोगों ने थोड़ी देर बातें की और फिर मोनिका और गीता के बॉयफ़्रेन्ड का फ़ोन आ गया। क्योंकि हमारे पास एक ही कमरा था तो हम सब बिस्तर पर बैठे हुए थे। हमने लाइट बंद की और मैं और पायल लेट कर बातें करने लगे।
थोड़ी देर में हमारी एक तरफ मोनिका और दूसरी तरफ गीता आकर लेट गई। अभी भी दोनों फ़ोन पर ही थी।
मैं और पायल काफ़ी पास लेटे हुए धीरे-2 बातें कर रहे थे।
करीब तीन बजे मुझे लगा कि गीता और मोनिका सो गई हैं तो मैंने मन में सोचा कि थोड़े मजे लिए जाये और लेटे-लेटे बिना पायल को पता लगते हुए मैंने गीता की गाण्ड पर हाथ रख दिया। 5-10 सेकंड निकल गए और गीता हिली तक नहीं। मैं इसे इशारा समझ कर उसकी निक्कर के ऊपर से हाथ फेरने लगा और उसकी चिकनी टांगों तक चला गया। तब भी गीता कुछ नहीं बोली।
फिर मैंने सोचा कि क्यों न अपनी असली साली मोनिका पर भी हाथ फेरा जाये।
किसी तरह मैंने पायल से बचते बचाते हुए उसकी दूसरी तरफ आ गया और मोनिका की तरफ बिस्तर पर लेट गया। अँधेरे मैं कुछ दिख तो नहीं रहा था और मैंने धीरे-2 हाथ मोनिका की तरफ बढ़ाना शुरू किया और बिल्कुल पहले की तरह नींद की एक्टिंग करते हुए मैंने अपना हाथ मोनिका के मोम्मे से थोड़ा नीचे रख लिया। मेरा हाथ उसकी सांस के साथ ऊपर-नीचे हो रहा था। मैंने एक झटके में हाथ हटाने के चक्कर में उसके मोम्मे से टकराता हुआ हाथ वापिस अपने पास रख लिया।
उसने भी कोई हरकत नहीं की। मैं समझ गया कि या तो दोनों मजे देने के चक्कर में हैं या फिर दोनों गहरी नींद में सो चुकी है क्योंकि उन तीनों ने रात की पार्टी में थोड़ी व्हिस्की पी हुई थी। मैंने उस समय ठान लिया कि आज तो दोनों से पूरे मजे लेने है वरना यह मौका पता नहीं दोबारा मिले न मिले !
तो मैंने फिर अच्छी तरह कभी मोनिका तो कभी गीता पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। करीब दस मिनट के बाद गीता मेरी तरफ मुड़ी और मैं जैसे ही हाथ हटाने लगा, उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी निक्कर के अन्दर अपनी कच्छी में डाल दिया। मैं पागल हो गया, मैंने पायल की तरफ देखा तो वो मुझे देख कर मुस्कुराई। वो थोड़ी सी नशे में थी।
मैंने सोचा कि अब होने दो जो होता है ! देख लेंगे !
मैं उठा और मैंने गीता और पायल को जोर से चूमना शुरू कर दिया। दोनों ही एकदम मस्त हो रही थी कि इतने में मेरे पीछे से मेरे ऊपर मोनिका आकर लेट गई और बोली- मेरे पास पहले क्यों नहीं आया तू सागर ?
उसका इतना ही बोलना था कि मैं पीछे की ओर पलटा और मैंने मोनिका के मम्मे दबाने शुरू कर दिए। उस दिन उन तीनो में से किसी ने ब्रा नहीं पहनी थी। मैं तीनों के मोम्मे दबाने और चूसने लगा और वो तीनो मुझे पूरे शरीर पर चूमने लगी। मेरा लण्ड जो बहुत देर से खड़ा था, गीता के हाथ में आ गया।
मैंने तीनों को बोला- अगर लण्ड देखना है तो तीनों अपने कपड़े उतारने दो मुझे !
तो वो तीनों मान गई।
मैंने एक-एक करके तीनों को चूमते-2 उनके कपड़े उतार दिए। अब तीनों मेरे सामने बिस्तर पर नंगी लेटी हुई थी। मैंने बारी बारी तीनों की योनि चाटी और उन तीनों के पूरे शरीर पर हाथ फेरा। अब तीनो बुरी तरह गरम हो चुकी थी।
मैंने उनसे पूछा- लण्ड देखना है?
तो तीनों उठ खड़ी हुई।
मैं बिस्तर पर बैठ गया और उनसे बोला- मेरी निक्कर को बिना हाथ लगाये उतारो और देख लो मेरा लण्ड !
तीनों तुरंत उठी और मेरी निक्कर अपने दांतों से खींचने लगी। मैं उन तीनों को देख कर और पागल हो रहा था, साथ ही तीनों कि मम्मे, चूत और गांड पर हाथ फेर रहा था। इतने में मेरी निक्कर नीचे खींच ली उन्होंने।
बस फिर क्या था- कोई लण्ड को चूम रही थी तो कोई मेरे अण्डकोषों से से खेल रही थी। तीनों ने मुझे बीच में लेटा कर खूब चूमा और फिर जब मुझे से रहा न गया तो मैं बोला- मैं झड़ने वाला हूँ, तो जिसने चूसना है वह अपने मुँह में ले ले !
मेरा इतना बोलना था कि तीनों मेरे लण्ड के लिए लड़ने लग पड़ी। वो समय मेरी जिन्दगी में आज तक का सबसे मज़ेदार समय था। मैं तो अपने आप को भगवान् मान रहा था।
फिर करीब पाँच मिनट के बाद मैं झड़ गया। तीनों के होठों पर मेरा वीर्य लगा था !
तब करीब पाँच बज रहे थे और हम थक चुके थे। हम चारों उठे, रोशनी होने से पहले में फटाफट घर भागना चाहता था पर बाहर देखा तो काफी लोग सुबह की सैर के लिए निकल चुके थे। पकड़े जाने के
डर से मैं अगला पूरा दिन उन तीनों के साथ उसी एक कमरे में रहा।
अगले दिन की कहानी सुनने के लिए थोड़ा सब्र करो !
अब हम चारों की अलग-2 शादी हो चुकी है पर मेरे पास अभी भी उनकी उस दिन की नंगी तस्वीरें हैं जो मैंने बहुत संभाल कर रखी हुई हैं।
आपको यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करें !
bakwas story hai..
ReplyDeleteI am a k patel from mumbai
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